हनुमान जयंती : भगवान हनुमान की दिव्य शक्ति और भक्ति का उत्सव

हनुमान जयंती, जिसे हनुमान जन्मोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, यह एक हिंदू त्योहार है जो भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप मनाया जाता है, जो भक्ति, ताकत, और स्वार्थरहित सेवा का प्रतीक है। यह महत्वपूर्ण अवसर हिंदू पौराणिक कला और संस्कृति में गहरा अर्थ रखता है। हनुमान जयंती हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो सामान्यतः मार्च या अप्रैल में आती है।

हनुमान जंयती शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti Shubh Muhurat)

हनुमान जयंती का पर्व 23 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल, 2024 को प्रातः 03:25 बजे से शुरू होगी और समापन 24 अप्रैल, 2024 को सुबह 05:18 बजे होगा।

हनुमान जी का जन्म कहा हुआ था :

हिन्दू पौराणिक कथानक में, हनुमान का जन्म वायु देवता के पुत्र के रूप में वायु और अंजना के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जन्मस्थान माना जाता है अंजनेरी, (एक पहाड़ी है) जो नासिक, महाराष्ट्र (भारत ) हुआ था ।

भक्ति और ताकत: हनुमान को भगवान राम की अदम्य भक्ति के लिए पूजा जाता है। उन्होंने रामायण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, राम की पत्नी सीता को रावण से बचाने के लिए उनकी सहायता की। हनुमान की अद्भुत ताकत का उल्लेख रामायण में कई स्थानों पर है, जैसे कि समुद्र को पार करना और औषधि लहर को उठाना।

संकेत और साहस: हनुमान को साहस, संरक्षण, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी भक्ति और सेवा के उदाहरण मिलियनों भक्तों को प्रेरित करते हैं कि वे जीवन के चुनौतियों को सामना करने और उन्हें साहस और संघर्ष के साथ पार करने के लिए मजबूती से सामना करें।

हनुमान चालीसा: हनुमान जयंती पर, भक्तों द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, जो भक्तों के द्वारा हनुमान की गुणगान करता है और उनसे संरक्षण, ताकत, और आध्यात्मिक विकास की आशीर्वाद मांगता है।

उत्सव का अवसर: हनुमान जयंती को भारत के विभिन्न हिस्सों में और विश्व भर के हिंदू समुदायों में बड़े उत्साह और उत्सव के साथ मनाया जाता है। हनुमान के मंदिर फूलों और सजावटों से सजाए जाते हैं। विशेष प्रार्थनाएं और भजन आयोजित किए जाते हैं, और भक्तजन धार्मिक प्रक्रियाओं और रिति-रिवाजों में भाग लेते हैं।

प्रार्थनाएँ और अर्पण: भक्तजन इस शुभ दिन पर भगवान हनुमान को विशेष प्रार्थनाएँ, फूल, फल, और मिठाईयाँ अर्पित करते हैं। कुछ लोग उपवास भी करते हैं, केवल शाकाहारी भोजन करते हैं और शराब और अन्य आनंददायक वस्त्र आदि से बचते हैं।

आध्यात्मिक महत्व: हनुमान जयंती न केवल एक प्रिय देवता के जन्म का उत्सव है, बल्कि यह भक्तों को उनके शिक्षाओं और गुणों को ध्यान में रखने का समय भी प्रदान करता है। यह हनुमान जी के द्वारा प्रतिष्ठित मूल्यों और शिक्षाओं की याद दिलाता है, जो भक्तों को धार्मिकता, साहस, और दूसरों की सेवा में जीवन गुजारने के लिए प्रेरित करता है।

इस हनुमान जयंती पर, हम सभी को भगवान हनुमान के उत्सव को ध्यान में रखते हुए, उनके उत्कृष्ट गुणों को याद करने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प करना चाहिए। यह हमें अपने जीवन में साहस, ईमानदारी, और सेवा के माध्यम से सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद करेगा।

हनुमान जयंती पर सभी काम बन जाएंगे :

विश्वास के साथ कि यदि आप हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को घी, सिंदूर, और चोला चढ़ाते हैं। इसके साथ ही, आप हनुमान जी को पीपल के पत्तों पर राम नाम लिखकर अर्पित कर सकते हैं, जिससे आपके सभी जरूरी काम पूरे हो सकते हैं।

हनुमान जयंती भोग

हनुमान जी की पूजा के दौरान आप उन्हें लड्डू, पंचमेवा, इमरती या जलेबी, और बूंदी भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। ये सभी चीजें हनुमान जी को अति प्रिय मानी जाती हैं। साथ ही, आप गुड़-चने और पान का बीड़ा भी हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं।

हनुमान जी चढ़ाएं ये प्रिय फूल

हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है। इसलिए आप पूजा के दौरान लाल रंग के पुष्प हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं। आप गेंदे के फूल या उनसे बनी माला हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं। साथ ही, हनुमान जयंती के दिन गुलाब के फूल या लाल रंग के गड़हल के फूल अर्पित करके भी बजरंगबली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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हनुमान दिव्य मंत्र का जप करे

हनुमान दिव्य मंत्रों में कई प्रकार के मंत्र होते हैं जो उनकी भक्ति और आराधना में उपयोग किए जाते हैं। ये मंत्र भक्तों को शक्ति, सुख, और सफलता की प्राप्ति में सहायक होते हैं। कुछ प्रमुख हनुमान मंत्र निम्नलिखित हैं:

  1. ॐ नमो भगवते अंजनेयाय महावीराय स्वाहा॥ (Om Namo Bhagavate Anjaneyaya Mahaveeraya Swaha)
  2. ॐ हं हनुमते नमः॥ (Om Ham Hanumate Namah)
  3. ॐ अंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ (Om Anjaneyaya Vidmahe Vayuputraya Dhimahi. Tanno Hanumat Prachodayat)
  4. ॐ श्री हनुमते नमः॥ (Om Shri Hanumate Namah)
  5. ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा॥ (Om Ham Hanumate Rudratmakaya Hum Phat Swaha)

यह मंत्रों का उच्चारण, श्रद्धा और भक्ति सहित उपयोग किया जाना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करने से भक्त शक्ति, संतुलन, और आत्मविश्वास में वृद्धि कर सकता है। ध्यान दें कि यदि आप किसी मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो सर्वप्रथम उसका पूर्ण अध्ययन और गुरु की मार्गदर्शन का लाभ लें।

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