प्रातः 03:25 बजे से शुरू होगी और समापन 24 अप्रैल, 2024 को सुबह 05:18 बजे होगा।
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भोग प्रसाद
आप उन्हें लड्डू, पंचमेवा, इमरती या जलेबी, और बूंदी भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। ये सभी चीजें हनुमान जी को अति प्रिय मानी जाती हैं। साथ ही, आप गुड़-चने और पान का बीड़ा भी हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं।
आप उन्हें लड्डू, पंचमेवा, इमरती या जलेबी, और बूंदी भोग के रूप में अर्पित कर सकते हैं। ये सभी चीजें हनुमान जी को अति प्रिय मानी जाती हैं। साथ ही, आप गुड़-चने और पान का बीड़ा भी हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं।
आप गेंदे के फूल या उनसे बनी माला हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं। साथ ही, हनुमान जयंती के दिन गुलाब के फूल या लाल रंग के गड़हल के फूल अर्पित करके भी बजरंगबली की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
हिन्दू पौराणिक कथानक में, हनुमान का जन्म वायु देवता के पुत्र के रूप में वायु और अंजना के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जन्मस्थान माना जाता है अंजनेरी, एक पहाड़ी महाराष्ट्र, भारत में।
भगवान राम के प्रति हनुमान की अटूट भक्ति पौराणिक है। उन्होंने रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, राम के सबसे भरोसेमंद सहयोगी के रूप में सेवा की और उनकी सेवा में असाधारण उपलब्धि हासिल की।