वक्फ क्या है? (What is Waqf)
वक्फ बोर्ड को समझने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है, कि वक्फ क्या है? वक्फ अरबी भाषा का शब्द है। जिसका अर्थ होता खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु या परोपकार के लिए दिया गया धन होता है। जिसमे चल और अचल दोनों संपत्ति शामिल होती है। कोई भी मुस्लिम अपनी संपत्ति वक्फ को दान में दे सकता है। कोई भी संपत्ति वक्फ घोषित होने के बाद गैर-हस्तांतरणीय हो जाती है। यानि किसी अन्य व्यक्ति को दिया नहीं जा सकता या इस्तेमाल नहीं किया जा सकता)
वक्फ बोर्ड क्या है? (What is Waqf Board)
वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड करता है। प्रत्येक राज्य में वक्फ बोर्ड होता है। वक्फ बोर्ड में संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य है। बोर्ड संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और संरक्षण करता है। राज्यों में बोर्ड का नेतृत्व अध्यक्ष करता है। भारत देश में शिया और सुन्नी दो तरह के वक्फ बोर्ड हैं।
वक्फ बोर्ड का सदस्य कौन होता है?
वक्फ बोर्ड को मुकदमा करने की शक्ति भी है। (Waqf Board Member) अध्यक्ष के अलावा बोर्ड में
- राज्य सरकार के सदस्य,
- मुस्लिम विधायक,
- सांसद,
- राज्य बार काउंसिल के सदस्य,
- इस्लामी विद्वान
- वक्फ के मुतवल्ली को शामिल होते है।
वक्फ बोर्ड क्या करता है?
वक्फ संपत्तियों जैसे धन अथवा जमीन के प्रबंधन के अलावा बोर्ड वक्फ में मिले दान से शिक्षण संस्थान, मस्जिद, कब्रिस्तान का निर्माण व रखरखाव करता है।
वक्फ बोर्ड के पास कितनी जमीन?
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार भारत देश में वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से भी ज्यादा की केवल जमीन है। वर्ष 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ थी। जिनमे से अधिकांश मस्जिद, मदरसा, और कब्रिस्तान शामिल हैं। वक्फ बोर्ड की लगभग संपत्ति की कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। भारत देश में उत्तर प्रदेश और बिहार में 2 शिया वक्फ बोर्ड समेत कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। रेलवे और रक्षा विभाग के बाद देश में वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक जमीन पाई गयी है।
वक्फ बोर्ड पर विवाद क्यों?
वक्फ अधिनियम के section 40 पर बहस छिड़ी है। इसके अनुसार वक्फ बोर्ड को रिजन टू बिलीव की शक्ति मिल जाती है। अगर बोर्ड को लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की संपत्ति है, तो वो खुद से जांच कर सकती है, और वक्फ संपत्ति होने का दावा कर सकती है।
अगर उस जमीन पर कोई रह रहा है, तो वह अपनी आपत्ति को वक्फ ट्रिब्यूनल के पास दर्ज करा सकता है। मगर यह प्रक्रिया काफी जटिल हो जाती है।
अगर कोई जमीन एक बार वक्फ घोषित हो जाती है, तो हमेशा ही वक्फ की रहती है। इस करण से कई विवाद भी सामने आए हैं। सरकार ऐसे ही विवादों से बचने के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक (बिल) लेकर आई है। इस विधेयक में मुस्लिम महिला भी बोर्ड में सामिल होगी ।
वक्फ बोर्ड प्रमुख विवाद
- 2022 में तमिलनाडु में वक्फ बोर्ड ने हिंदुओं के द्वारा बसाए पूरे थिरुचेंदुरई गांव को ही वक्फ होने का दावा ठोंक दिया।
- ऐसे ही बेंगलुरू का ईदगाह मैदान विवाद। जिस पर 1950 से ही वक्फ संपत्ति होने का दावा किया है।
- सूरत में नगरनिगम भवन को हीं वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा रहा। तर्क यह है कि इसे मुगल काल में सराय के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।
- कोलकाता में टॉलीगंज क्लब, रॉयल कलकत्ता गोल्फ क्लब वक्फ भूमि पर होने का दावा है
- बेंगलुरु में आई.टी.सी. विंडसर होटल के भी वक्फ भूमि पर होने का दावा है।
सरकार का मानना है कि 1995 में वक्फ अधिनियम से संबंधित एक विधेयक पारित किया गया था, जिसके तहत वक्फ बोर्ड को अधिक अधिकार दिए गए। 2013 में इसमें संशोधन करके बोर्ड को अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई। सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्डों पर माफियाओं का कब्जा हो गया है।
सरकार के अनुसार, इस संशोधन से संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं हुआ है, और यह मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए है।
ओवैसी ने सरकार पर मुसलमानों के खिलाफ होने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया